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Thursday, November 17, 2011

कुछ अलफ़ाज़...

तुझे खबर क्या  तेरी रातों  के  लिए  कैसे सितारे चुन  दिए  मैंने , 
दे  कर  तुझे  स्नेहल  चाँद  निष्ठुर  सूरज  रख  लिए  मैंने 

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तेरे प्यार का ये एक भरोसा ही काफी है मेरे जीने के लिए 
तेरी ज़िन्दगी में न सही तेरी हर मन्नत में शामिल हूँ मैं ज़रूर

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