Pages

Saturday, October 26, 2013

पापा

पापा सिर्फ पापा नहीं होते
मन का संबल हैं होते
मुश्किलों में बढ़ कर थाम  लेने वाले होते है
वो हाथ
गोदी में चढ़ गरदन पर झूल जाने वाला होते हैं दुलार
नज़र नहीं आए हैं अब वो कहीं इस जहां में
पर अब भी रूह में समय हुआ होते है वो विश्वास
अपने अंश में ढूँढा
तो मिल गए उनमे रचे  हुए वो ही हाथ

No comments:

Post a Comment