Pages

Friday, October 3, 2014

कपड़ा तो अब भारत में ही बनता है

क्या करूँ
कपड़ा तो अब भारत में ही बनता है
लेकिन गाँधी  आज भी नग्न फिरता है

जय किसान का नारा आज भी सभाओं में गूंजता है
फिर भी  किसान को मुआवज़े में २ रूपये का चेक मिलता है

रूप कुंवर को फूंक जो समाज पूजता है
वहाँ सती सावित्री होना सिर्फ दमन लगता है

जहां बिना मीडिया के दामिनी को हक़ नहीं  मिलता है
उस समाज में जनांदोलन भी मज़ाक लगता है

हम बिना कागज़ी कार्यवाही के सरिता देवी इन्साफ नही दिला पाते हैं
विदेशों  से अपमान बाँध ले आ आते हैं

 दो अक्टूबर को झाड़ू लगाते नज़र आते हैं
लेकिन अपनी ही गंदगी नज़र बचा कोने में डाल आते हैं

गर्व से कहतें हैं मेरा देश महान है
फिर अपने ही आप को विश्व में शर्मिंदा कर आते हैं



मनीषा 

No comments:

Post a Comment