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Tuesday, March 14, 2017

ना खेलूँ श्याम तो संग होरी रे

ना खेलूँ श्याम तो संग होरी रे
भरी गागर फोरी काहे मोरी रे, रसिया
नंद बाबा के लाल भए दोउ
इक बलराम दूजे सांवल मुरारी रे, रसिया
ग्वाल बाल संग मोहे रंग दिखावे
श्याम काहे डगर मोरी घेरी रे, रसिया
बरसाने जाइ के रास रचाना
श्याम हमहुँ ना राधे तोरी रे, रसिया
रंग अबीर टेसू मोहे भावे
भर भर गागर भिजोए बनवारी रे, रसिया
ना खेलूँ श्याम तो संग होरी रे
भरी गागर फोरी काहे मोरी रे, रसिया
मनीषा
मार्च 2017

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