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Saturday, October 14, 2017

हिंदी तो बिंदी है

हिंदी तो बिंदी है भारत माँ के भाल की
बोली इसकी खड़ी है लिपि देवनागरी
प्राकृत की बेटी है उर्दू की भगिनी है
भाषाओँ में भागीरथी है हिंदी
सूर की बोली खुसरों की पहेली
कबीर की वाणी रसखान का काव्य है हिंदी
तुलसी की मानस में कामायनी के व्याख्यान में
विचारों की अविरल धारा है हिंदी
क्रिया विशेषण वाच्य कारक
संधि समास अलंकारों से सुसज्जित
साहित्य की दुल्हन सी है हिंदी
हिंदी की गाथा है गाथा भरत संतान की 
मनीषा वर्मा

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